Friday, April 19, 2024
HomeHistoryछत्रपति शिवजी महाराज मांसाहारी थे या शाकाहारी ?

छत्रपति शिवजी महाराज मांसाहारी थे या शाकाहारी ?

रायगढ़ की खाणव्यवस्ता 

हेलो गाइस this  is  brospro , आज हम बात करेंगे छत्रपति शिवजी महाराज के वक्त रायगढ़ पे किस तरह का खाना खाते थे। कुछ लोग ये भी पूछते है की छत्रपति शिवजी महाराज शाकाहारी थे या मांसाहारी ?

उस वक्त ब्रिटिश प्रवासी डॉक्टर जॉन फ्रायर छत्रपति शिवजी महाराज के राज्याभिषेक के वक्त रायगढ़ पे मौजूद थे , उन्होंने  उस वक क्या क्या हुआ ये बात लिख के रखी है। उनकी लिखी कुछ बाते में आपको पढ़कर सुनाता हु 

” रायरी  किले में बिताये हुए कुछ दिनों के बारे में आपको बताऊंगा।  इधर के लोगो का खाना बिलकुल सीधा साधा है और वह तैयार करने के लिए ज्यादा वक्त भी नहीं लगता और खर्चा भी कम आता  है। इधर के लोगो का पसंदीदा खाना है खिचड़ी ( इधर फ्रायर इसे cutchery कहता है ) . ये खिचड़ी चावल और दाल को छास  में मिलकर बनायीं जाती है। ये लोग पुरे दिन भर यही खाना खाते  है। हमारे जैसे तीनो वक्त मांस खाने वाले लोगो को हर वक्त खिचड़ी खाना नामुमकिन था। इसीलिए हमने यहके राजा को हमारे लोगो के लिए कुछ दिन मांस का बंदोबस्त करने के लिए बिनती की। इसपर राजा ने हमें किले पे हमें चाहे जितना मांस मिलने का इंतजाम करने का आदेश दिया। छत्रपति शिवजी महाराज के आदेश से हमारे लिए कसाई  रोज यहाँपे मांस भेजने लगा। हमें हर दिन लगभग आधा बकरा गोश्त लगता था।  हमारे इतने गोश्त की वजह से kasai का धंदा बोहोत जोरो शोरो से चलने लगा। इतना गोश्त कोण खता है इस बात से कसाई  भी हैरान था इसीलिए वह एक दिन हमें देखने रायरी  किले पे आया था। इतने साले में उसको कभी इतना काम नहीं मिला था इसीलिए क्युकी यहाँ के लोग बैदेही कम गोश्त कहते थे। हिंदूलोग यहाँपे गोश्त कहते ही नहीं थे और मुसलमान और पोर्तुगीज गोश्त अच्छीतरह से उबालकर कहते है। हम ब्रिटीतशो की तरह भुना हुआ गोश्त शायद ही कोई खता होगा। पर मुझे इसपर ऐसा लगता है की हमें भी गोश्त को अच्छी तरह से पकाकर खाना चाहिए खासकर इस गरम देश में गोश्त को पका कर ही खाना चाहिए इससे हमारे पेट का स्वस्थ अच्छी रहेगा। “

मेने इस बात की सच्चाई के बारेमे जानना चाहा तो मुझे पता चला की डॉक्टर जॉन फ्रायर ठीक इसी साल भारत में ही थे।  इन सब बातो को उन्होंने travels in  india in  १७ th  century  इस किताब में लिखा गया है। में इस किताब का पीडीऍफ़ version आपके सामने लाने का प्रयास करूँगा। कृपया डिस्क्रिप्शन सेक्शन जरूर चेक करे। इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। 

RELATED ARTICLES

Most Popular