Tuesday, March 19, 2024
HomeHindiKittur ki Rani Chennamma

Kittur ki Rani Chennamma

 

Rani Chennamma

रानी चेन्नम्मा

अब तक अपने झान्सी की राणी लक्ष्मीबाई, राणी ताराबाई, राणी अहिल्याबाई के बारे मे देखा है। इन वीरांगनाओ ने अपने और अपने राज्य के लिये बहुत कुछ किया है। और राज्य को संभाला है। उसी तरह हम आपको आज और एक ऐसेही साहसी वीरांगना के बारे मे बताने वाले है, जिंहोने अन्ग्रेजो से युध किया। तोह ज्यादा देरी न करते हुए अब हम शुरुवात करते है ।

Kittur Fort

कित्तूर किल्ला
Kittur Fort

कित्तूर किल्ला

देश में हर जगह स्वतंत्रता के लिए युध चल रहे थे। कर्नाटका के कित्तूर मै ऐसेही एक युद्ध की शुरुवात 1824 में हुई थी। कर्नाटका के कित्तूर राज्य की रानी चेन्नम्मा इन्होंने ही इस युद्ध की शुरुवात की थी। रानी चेन्नम्मा का जन्म कर्नाटक के ककती गांव में 1778 को हुआ था। उनके पिता का नाम था धुलप्पा देसाई और माँ का नाम पद्मावती था।

Raja Mallasaraja

राजा मल्लसरजा

धुलप्पा देसाई एक बड़े सरदार थे। उन्होंने चेन्नम्मा को अलग अलग युद्ध कौशल में पारंगत किया था। रानी चेन्नमा घोड्सवार, तलवारबाजी और तीर चलाने में माहिर थी। उन्होंने बचपन मे रामायण, महाभारत, वसुपुराण आदि कहानियां सुनी थी। उनके युद्ब कौशल के कारण ही उनकी शादी बेलगाम के राजघराने के राजा मल्लसरजा से हुई। उन्हें अन्याय और क्रूरता पसंद न थी।

उनके न्यायप्रियता के कारण वह लोगों के चहती बन गई। रानी चेन्नम्मा राजा मल्लसरजा की दूसरी पत्नी थी। राजा मल्लसरजा के पहली पत्नी का नाम रुद्रमा था। राजा मल्लसरजा ज्यादा दिन जीवीत न रहे। और उनके बाद उनका बेटा भी न रहा। उस दौरान उन्हें राज्य के राजगद्दी पर एक राजा की जरूरत थी। वैसे तो राज्य का कार्यभार रानी चेन्नम्मा ही संभाल रही थी। पर राजगद्दी पर राजा का होना जरूरी था। उन्होंने बेटा गोद लिया। और उसे राजगद्दी पर बिठाया।

उस समय ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक कायदा बनाया। जिसके मुताबिक अगर किसी राजा की मृत्यु हो जाय, और उनके बाद उस राजा का कोई बेटा न हो राजगद्दी पर, तो सारा राज्य कार्यभार ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथो में चला जाएगा। और ईसी धोरण अनुसार रानी चेन्नम्मा के गोद लिए बेटे को राजगद्दी पर बिठाने से मना किया। और पूरे राज्य को अंग्रेजों को सोपने को कहा। पर रानी चेन्नम्मा ने इसका विरोध किया। और युद्ध के लिए डट खड़ी हुई।

इस लड़ाई में अंग्रेजों के 20 हजार सिपाही और 400 बंदूकों की सेना के खिलाप उन्होंने युद्ध किया। इस युद्ध मे उनके साथ थे, उनकी सेना के मुख्य सेनापती बलप्पा। उंहोणे ब्रिटिश सेना को पिछे हटने पर मजबुर कर दिया। ब्रिटिश सेना के दो प्रमुख अधिकारि सर वॉल्टर इलियट और मी.स्टीवेंसन को गिरफ्तार कर लिया गया।

उस समय ब्रिटिश सरकार और राणी चेन्नम्मा के बीच एक करार हुआ, जीसके अनुसार इन 2 ब्रिटिश अधिकारियो को छोडं दिया जायेगा। इस कारण राज्य की प्रजा खुश थी। और कुछ समय ऐसा ही रहा। पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी इस बात से बहुत गुस्सा थी। उन्होंने दुसरे युद्ध के लिये बहुत बडी फौज इकट्टा की, और फिर से कित्तुर पर आक्रमण किया।

Bailhongal Fort

बैलहोंगल किल्ला

दूसरा युद्ध रानी चेन्नम्मा का ब्रिटिशों के खिलाप सोलापुर में हुआ था। रानी चेन्नम्मा ने बड़ी बहादुरी से अंग्रेजों का सामना किया। पर इस युद्ध में उन्हें सफलता न मिली। और युद्ध के दौरान ही उन्हें पकड़ लिया गया। उनके गिरफ्तार होने तक 1829 में संगोलि रायन्ना ने गुरिल्ला युद्ध जारी रखा था| रानी चेनम्मा अपने दत्तक लिए हुए बेटे शिवलिंगप्पा को कित्तूर का शासक बनाना चाहती थी लेकिन उन्हे बंदी बनाकर मार दिया गया था| और फिर रानी चेन्नम्मा को पकड़कर बैलहोंगल के किले में कैद करके रखा गया। उसी किले में 21 फरवरी 1829 में उनकी मृत्यु हो गयी थी| ब्रिटिशो के खिलाफ हुए इस युद्ध में रानी चेनम्मा की गुरुसिप्पा ने काफी सहायता की थी|

Sangoli Rayanna

संगोलि रायन्ना

चेनम्मा की महानता आज भी हमें कित्तूर में दिखाई देती है| उनकी याद में 22 से 24 अक्टूबर को हर साल कित्तूर उत्सव मनाया जाता है| उनके सम्मान में नयी दिल्ली के पार्लिमेंट हाउस कॉम्पलेक्स में उनका स्टेचू भी बनवाया गया है| इस स्टेचू को कित्तूर रानी चेनम्मा मेमोरियल कमिटी ने बनवाया था| राणी चेनम्मा का स्टेचू बैंगलोर और कित्तूर में बनवाया गया है| अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध में रानी चेनम्मा ने अपूर्व शौर्य का प्रदर्शन किया। पुणे-बेंगलूरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेलगाम के पास कित्तूर का राजमहल तथा अन्य इमारतें गौरवशाली अतीत की याद दिलाने के लिए मौजूद हैं।

राणी चेन्नम्मा पहिली महिला थी जिंहोने अन्ग्रेजो के खिलाप युद्ध की घोषणा। वह अपने राज्य को बचाने के लिये। पहले राणी चेन्नम्मा ने कर्नाटक और फिर राणी लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई होळकर ने। और राणी येसूबाई ने भी।

RELATED ARTICLES

Most Popular